Skip to main content Skip to main navigation menu Skip to site footer

From Hoping to Expecting: Cochlear Implantation and Habilitation in India

By Michele Ilana Friedner

HTML PDF EPUB
Cite As:
Friedner, Michele Ilana. 2022. “From Hoping to Expecting: Cochlear Implantation and Habilitation in India.” Cultural Anthropology 37, no. 1: 125–149. https://doi.org/10.14506/ca37.1.10.

Abstract

While scholars have attended to disability as a new normal that is increasingly present as a category and experience in public spheres, this essay argues that technologies such as cochlear implants and accompanying therapeutics make it possible for children to “become normal.” Parents come to expect, rather than hope, that interventions will work. An analysis of habilitating children with cochlear implants in India—and habilitation as a process and practice in general—foregrounds the ways that potentiality attaches to certain kinds of devices, therapeutic methods, and people because of the presumed existence of malleability. Habilitation in the case of cochlear implants means developing a hearing brain and becoming a listening and speaking person. Potentiality and ideal habilitative trajectories wane with age and families must negotiate expectations in relation to sharply etched ideas of what is normal. This essay stresses that just as scholars have critically attended to rehabilitation, habilitation too is an important process of activating what is perceived to be latent and has future-oriented stakes.

सारांश

शोधकर्ताओं ने विकलांगता की खोज सार्वजनिक क्षेत्रों में तेजी से फैलता हुआ एक वर्ग एवं “ नये साधारण “ अनुभव के रूप में की हैं ।इस निबंध में यह तर्क दिया है कि “ कॉक्लियर इम्प्लांट “ जैसी टेकनोलोजि और उसके सहयोगी उपचारात्मक तंत्र बच्चो के नॉर्मल बनने की संभावना निर्माण करते हैं। माता-पिता आशा करने की बजाय अपेक्षा करने लगते हैं कि इस प्रकार के हस्तक्षेप सफल होंगे। भारत में “ कॉक्लियर इम्प्लांट “ का उपयोग करने वाले बच्चो के हॅबिलिटेशन एवं आम हाबिलिटेशन की प्रक्रिया और कार्यप्रणाली का विश्लेषण क्षमता विस्तार के उन विविध मागों को सामने लाता है , जो संस्कारक्षम प्रभाव का अस्तित्व मानने से , विशिष्ट प्रकार के उपकरण , उपचारात्मक तंत्र , मानव संसाधन के साथ जुड़े हुए हैं|

“ कॉक्लियर इम्प्लांट “ के संदर्भ में हॅबिलिटेशन का मतलब श्रवणक्षम दिमाग विकसित करना एवं सुनने और बोलने वाली व्यक्ती बनाना । क्षमता विस्तार और हॅबिलिटेशन के आदर्श मार्ग उम्र के साथ धीरे-धीरे घटते हैं परिवार वालों ने इस बात को ध्यान में रखते हुए “नॉर्मल” की संकल्पना के बारे में अपनी धारणा तय करनी चाहिए ।

इस निबंध में यह बात अधोरेखित की है: शोधकर्ताओं ने रिहॅबिलिटेशन संकल्पना को गंभीरता से परखा हैं| हॅबिलिटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो , हम जिसे कथित रूप में अव्यक्त समझते हैं उसे सक्रिय करता है और इसका भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान हैं ।

Keywords

habilitation; rehabilitation; deafness; potentiality; cochlear implants; India; हॅबिलिटेशन; रिहॅबिलिटेशन; कॉक्लियर इम्प्लांट; विकलांगता; संभावना